कोरिया - छत्तीसगढ़ में परिवहन विभाग के चेक पोस्टों और उड़नदस्तों पर शुरू से ही सवालिया निशान लगते आ रहे है, जो अभी भी जारी है। पिछले शासन काल यानी डॉ रमन सिंह की सरकार में परिवहन विभाग के बैरियरों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों पर बेइंतेहा अवैध वसूली का आरोप लगने के बाद पूरे चेक पोस्टों और उड़नदस्तों को जुलाई 2017 में बंद कर दिया गया था।
राजस्व बढ़ाने चेक पोस्ट शुरू
वर्ष 2018 में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जुलाई 2020 को वर्तमान सरकार ने प्रदेश में चेक पोस्टों और उड़नदस्तों को फिरसे शुरू कर दिया। फिलहाल प्रदेशभर में करीब 15 चेकपोस्ट और 7 उड़नदस्ते कार्यरत है। जिसमें परिवहन निरीक्षक, परिवहन उप निरीक्षक,प्रधान आरक्षक और आरक्षकों की पदस्थापना की जाती है। परिवहन विभाग ने राजस्व के वृद्धि के नाम पर दुबारा प्रदेश में
चेक पोस्टों और उड़नदस्तों का संचालन शुरू तो किया, जिसका विरोध भी हुआ। लेकिन परिवहन मंत्री ने इसमें किसी प्रकार की अवैध वसूली नहीं होने का आश्वासन भी दिया था। जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे ही मंत्री के आश्वासन और नियमों की पूरी तरह से धज्जियां उड़ती दिखाई देने लगी। प्रदेश में दोबारा शुरू हुए चेक पोस्टों और उड़नदस्तों की जांच टीम अब फिर सवालों के घेरे में है। धड़ल्ले से सभी अधिकारी कर्मचारी जो वसूली करते हैं उसका हिसाब भी बाकायदा रखा जाता है, क्योंकि इसी आधार पर सारा बंदरबाट किया जाता है।
R.T.O. चेक पोस्ट घुटरीटोला में चल रही है अवैध उगाही ।
R. T. O. घुघरिटोला चेक पोस्ट में ओवर लोड और अंडर लोड एंट्री तथा ऑर्थोटी लेटर के नाम पर भारी भरकम रकम वसूली की जा रही है। साथ ही चेक पोस्टों पर गेट पास के नाम से अलग से वसूली भी की जाती है। जो न्यूनतम 1100 रुपये से 2 हजार रुपये तक प्रति वाहन भार क्षमता के आधार पर ली जाती है। जिसकी कोई रसीद वाहन चालक को नहीं दी जाती है अर्थात गेट पास के नाम पर अवैध वसूली जारी है। आपको बता दें की पिछली भाजपा सरकार के शासनकाल में प्रदेश के विभिन्न चेक पोस्टों और उड़नदस्तों में हॉल मार्क युक्त टोकन चलाये जाते थे। सारा अवैध कारोबार इतना संगठित और व्यवस्थित था कि चेक पोस्टों से बिना एंट्री के किसी भी वाहन का गुजरना असंभव था। जब यह गोरखधंधा बड़े स्तर पर मीडिया में उजागर हुआ तो तात्कालीन सरकार ने सभी चेक पोस्टों और उड़नदस्तों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया था। बताया जाता है कि तत्कालीन सरकार ने 2018 में विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण अपनी सत्ता बचाने के चक्कर में यह फैसला लिया था। लेकिन हाथ से सत्ता भी निकल गई और हाथ में आया भी कुछ नहीं। वसूली में डिजिटल तकनीक का उपयोग
अब चेक पोस्ट में वसूली में बाकायदा डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। व्हाट्सएप के जरिए गाड़ियों के नंबर को ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के पास भेज दिया जाता है। जिसे देखकर यह कर्मचारी वाहन को आगे जाने देते हैं। वहीं शासन खानापूर्ति के नाम पर वाहनों से मेकानिकल शुल्क (Mechanical Feesh) माह में एक बार ले लिया जाता है, जिससे राजस्व वसूली को भी दिखया जा सके।