कबीरधाम- छत्तीसगढ़ राज्य को अलग हुए बीस साल हो चुके हैं। देश डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है परन्तु कुछ ग्राम , क्षेत्र ऐसे हैं, जहां आज भी विकास से कोसो दूर है. बतादे की कबीरधाम जिले के बोड़ला क्षेत्रन्तर्गत ग्राम तिलईभाट जहां छत्तीसगढ़ राज्य बने 20 वर्ष बीतने के बाद भी आज तक गांव पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं बन पाया है. जिसके चलते ग्रामीण सहित स्कूली बच्चों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है, वही ग्रामीणों ने बताया की गांव में किसी को बीमार पड़ने पर लोग पीड़ित को चारपाई या बैल गाड़ी के सहारे अस्पताल ले जाना पड़ता है। बतादे की ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र के सरपंच,सचिव सहित जिला पंचायत सदस्य रामकुमार पटेल, कवर्धा विधायक मो. अकबर जैसे नेताओ पर सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ हम ग्रामीणों से चुनाव के समय नेताओं मंत्री के द्वारा सड़क बनाने व गाँव का विकास करने आश्वासन देकर झूठे सपने दिखाकर सिर्फ वोट बटोरने काम करते है लेकिन चुनाव के बाद कोई भी नेता मंत्री गांव की तरफ ध्यान नही देते और नही अपने किये वादे पर खरा उतरते है. जिससे ग्रामीण सरपंच से लेकर कई नेताओं और मंत्रियों को भी गांव में सड़क निर्माण के लिए आवेदन दिया। लेकिन इसके बावजूद भी आज तक शासन ने गांव में सड़क निर्माण के लिए कोई कड़ी कदम नहीं उठाया है. जिसके चलते ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहे है।
कबीरधाम - 20 वर्ष बीतने के बाद भी आज तक गांव पहुंचने के लिए नही बनी पक्की सड़क, ग्रामीणों ने सरपंच से लेकर विधायक पर लगाया आरोप ।
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August 06, 2021
कबीरधाम- छत्तीसगढ़ राज्य को अलग हुए बीस साल हो चुके हैं। देश डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहा है परन्तु कुछ ग्राम , क्षेत्र ऐसे हैं, जहां आज भी विकास से कोसो दूर है. बतादे की कबीरधाम जिले के बोड़ला क्षेत्रन्तर्गत ग्राम तिलईभाट जहां छत्तीसगढ़ राज्य बने 20 वर्ष बीतने के बाद भी आज तक गांव पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं बन पाया है. जिसके चलते ग्रामीण सहित स्कूली बच्चों को काफी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है, वही ग्रामीणों ने बताया की गांव में किसी को बीमार पड़ने पर लोग पीड़ित को चारपाई या बैल गाड़ी के सहारे अस्पताल ले जाना पड़ता है। बतादे की ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र के सरपंच,सचिव सहित जिला पंचायत सदस्य रामकुमार पटेल, कवर्धा विधायक मो. अकबर जैसे नेताओ पर सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ हम ग्रामीणों से चुनाव के समय नेताओं मंत्री के द्वारा सड़क बनाने व गाँव का विकास करने आश्वासन देकर झूठे सपने दिखाकर सिर्फ वोट बटोरने काम करते है लेकिन चुनाव के बाद कोई भी नेता मंत्री गांव की तरफ ध्यान नही देते और नही अपने किये वादे पर खरा उतरते है. जिससे ग्रामीण सरपंच से लेकर कई नेताओं और मंत्रियों को भी गांव में सड़क निर्माण के लिए आवेदन दिया। लेकिन इसके बावजूद भी आज तक शासन ने गांव में सड़क निर्माण के लिए कोई कड़ी कदम नहीं उठाया है. जिसके चलते ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहे है।