कबीरधाम। राज की नजीर देखना हो तो जिला पंचायत, कबीरधाम का रुख कीजिए। यहां बाबुओं की मनमानी के आगे शासनादेश घुटने टेकता दिख रहा है। हालत यह है कि वर्षों से कार्यालय के अलग-अलग अनुभाग में बाबू डटे पड़े हैं। नियमानुसार प्रत्येक तीन वर्ष के बाद पटल में परिवर्तन कर देना चाहिए, लेकिन यहां कोई 5 वर्ष से तो कोई उससे अधिक समय से पटल पर बना हुआ है। कार्यालय स्टाफ के अलावा फील्ड स्टाफ का भी यही हाल है। कर निरीक्षक व कर समाहर्ता संबंधित ब्लॉकों में अधिक वर्षों से टिके हुए हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्होंने 10 से अधिक वर्ष का समय एक ब्लॉक में ही पूरा कर लिया है। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला पंचायत में बाबुओं व फील्ड कर्मचारियों का काकस कितनी मजबूती से काम कर रहा है। शासनादेश की धज्जियां उड़ाते हुए ऐसे कर्मचारी अपने-अपने पटलों व ब्लॉकों में बने रहकर आए दिन तरह तरह की स्वाभाविक मनमानी भी कर रहे हैं।
वर्षो से एक ही स्थान पर जमे इन अफसर, कर्मचारियों की पहुंच के आगे नियम कानून ढीले पड़ते नजर आ रहे हैं. स्थानांतरण नीति तो हर साल जारी होती है,लेकिन जुगाडू कर्मचारियों पर इसका कोई असर नही पड़ता. मर्जी से इन जुगाडू कर्मचारियों का तबादला नही किया जा सकता.


