जिले के उप वनमंडल व वनपरिक्षेञ अधिकारियों के रहमो करम पर जंगलो में गुजराती ऊंट भेड़ वाले


कबीरधाम वन मंडल के प्रत्येक वन परिक्षेत्रों के जंगलों में भेड़-बकरी चरवाहे हरे-भरे पौधों को लगातार नष्ट कर रहे हैं। जिले के वन परिक्षेत्रों के जंगलों और मैदानी इलाकों में राजस्थान, गुजरात के ऊंट-भेड़ वाले अपना डेरा जमाए हुए है । भेड़ , बकरी व ऊंट को खिलाने के नाम पर हरे भरे पौधे व वनस्पति को काट रहे हैं। एक ओर जहां शासन द्वारा करोड़ों रूपये लगाकर पौधा रोपण करवाया जा रहा है वही दूसरी और राजस्थानी डेरा वाले भेड़-बकरियों का झुंड इनका विनाश कर रहे है।


वनमाफिया भी वनों की कटाई कर रहे हैं, लेकिन वन विभाग कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है परिक्षेत्रवासियों में वन विभाग के खिलाफ जमकर आक्रोश देखने मिल रहा है। बता दें कि अंचल में करीब कई सालों से राजस्थान, गुजरात की भेड़-बकरी यहां पहुंच रही है ये बरसात के दिनों में जंगल में रहते हैं। वहीं गर्मी के मौसम में मैदानी इलाकों को पहुंच जाते हैं। स्थानीय वनवासियों के अनुसार जिन स्थानों पर इनके भेड़, बकरी बैठते हैं वहां वनस्पति को काफी नुकसान पहुंचाते हैं।

जंगल में अभी  कई प्रकार के वनस्पतियों की अंचल भरमार है। जहां लगातार इसके दोहन करने के कारण अब यह गिनती की बची हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि राजस्थान, के चरवाहे वर्षा व शीत ऋतु में जंगलों में रहते हैं। गर्मी का मौसम शुरू होते ही पानी की दिक्कत होने के कारण यह लोग मैदानी इलाकों में अपना डेरा जमाने लगते हैं। जिले के प्रत्येक वनपरिक्षेत्रों  में भेड़-बकरी व ऊंट का डेरा जंगलों में बड़ी संख्या में है।साथ में इनके साथ ऊंट भी है। जो पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जहाँ इनका डेरा रहता है उस स्थान पर हरियाली पूरी तरह खत्म हो जाती है। इस प्रकार जंगल को खत्म किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने बताया

अगर ऊंट भेड़ वालों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो आने वाले कुछ वर्षों में वन और वनस्पतियां नष्ट हो जाएगी। जंगल क्षेत्रों में वन विभाग के रेंजर और बिटगार्ड रहते है लेकिन अंचल के लोगों को कभी भी इन अधिकारियों की सक्रियता जंगलों की सुरक्षा के लिए दिखाई नहीं देती। इसी का फायदा उठाते हुए चरवाहों ने वनांचल में अपना डेरा जमाना प्रारंभ कर दिया है। वनांचलवासी जब इसका विरोध करते हैं तो उनके द्वारा भी धौंस जमाते हुए विवाद करने पर उतारू हो जाते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं वन विभाग के कर्मियों का इन्हें संरक्षण प्राप्त है। इसके कारण बेखौफ होकर जंगलों में घुसकर पेड़ पौधों को चारागाह बनाकर नष्ट कर रहे हैं।!!

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.