लोहारा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत मोहनपुर में आयोजित भव्य आदिवासी महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शमिल हुए प्रदेश संयुक्त सचिव सर्व आदीवासी समाज छत्तीसगढ़ कामू बैगा


कबीरधाम ! जिले के विकास खंड स.लोहारा क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत कटंगीकला के आश्रित ग्राम मोहनपुर में 14 अगस्त को भव्य रुप में आदिवासी महोत्सव का आगाज़ किया गया था कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में कामू बैगा प्रदेश संयुक्त सचिव सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ शामिल हुवे कामू बैगा के स्वागत में ग्रामीणों के साथ साथ दूर दराज से आए आदिवासी समाज के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता व युवाओं ने बड़े धूम धाम से कामू बैगा का भव्य स्वागत किया । 


कार्यक्रम का शुभारंभ सभा स्थल में बने बूढ़ादेव मंदिर में पूजन आरती कर अतिथियों को  पिले गमछे व पिला चावल का टीका और हार पहना कर किया गया ।


कामू बैगा के नेतृत्व में कार्यक्रम स्थल से डीजे के साथ बाइक  रैली निकाली गई रैली में लगभग 400 बाइक चालक शमिल रहे रैली ग्राम बोदलपानी से होते हुए भालापुरी ,तेलिटोला, गंजईडोंगरी, छोटे पालक , बड़े पालक ,जुनवानी, मिनमिनिया, सरोधी आदि लगभग 14 ग्रामों में रैली घुमाई गई।


मुख्यातिथि कामू बैगा ने कार्यक्रम को  संबोधित करते हुवे कहा  की संयुक्त राष्ट संघ द्वारा 1994 में पहली बार 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस आदिवासियों के संरक्षण व सुरक्षा के लिए क़ानून बनाकर किया गया ,परंतु आज संयुक्त राष्ट्र व संविधान द्वारा आदिवासियों के लिए सबसे ज्यादा अधिकार होने के बावजूद आज सबसे ज्यादा अत्यचार व शोषण आदिवासियों के ऊपर हो रहा है ।

कामू बैगा ने कहा आज मणिपुर जल रहा है पर देश के आदिवासी राष्ट्रपति को दिखाई नही दे रहा है , और ना ही देश के प्रधानमंत्री , गृहमंत्री और आदिवासी विधायक व मंत्रियों को , कामू बैगा ने कहा ऐसे राष्ट्रपति और मंत्री विधायक की जरूरत समाज को नही होनी चाहिए जो समाज की बातों को नही रख पाते । लोगों को कहा आने वाले चुनाव में  आप समाज में अब ऐसे लोगो को चुने जो भविष्य में आपके हक लिए लड़ाई  विधानसभा और लोकसभा में लड़ सके।

बैगा ने कहा कि , आदिवासी समुदाय को आज के समय में  धरातल कि ओर जाते देखा जा सकता हैं आज कि स्थिति में  आदिवासी समाज का स्तर नौकर से भी बत्तर है , आदिवासी समाज अपने आप को जल ,जंगल ,जमीन का मालिक बताता है , पर वास्तविकता ऐसा नही है आज आदिवासियों के पास कुछ जंगल और कुछ जमीने बस बच पाया हैं, अगर यही स्थिति आदिवासियों का रहा तो जो बचा है वो नही रहेगा । कामू बैगा ने कहा इन सबका कारण समाज के नौकरशाह व पढे लिखे युवा लोग है , जिन्होंने कभी समाज के बारे में सोंचा ही नही और कभी समाज में हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ाई तो दूर आवाज भी नहीं उठाया।

कामू बैगा जी ने कहा आदिवासी युवाओं को जातिवाद ,धर्मवाद से उठकर सर्व आदिवासी समाज के लिये कार्य करने की आवश्यकता हैं ,साथ ही  आदिवासियों को अपने संस्कृति को भी बचाने की आवश्यकता हैं।

कार्यक्रम में उपस्थित संस्कृति टीम व क्षेत्र में प्रथम आए स्कूली बच्चों को आयोजक टीम द्वारा मुख्यातिथि के हाथों सील्ड व मेडल दिला कर सम्मानित किया गया । साथ ही आयोजक टीम द्वारा कामू बैगा को सील्ड वा पीला गमछा देकर सम्मानित किया । इस सम्मान के लिए कामू बैगा ने आयोजक टीम व मोहनपुर क्षेत्रवाशियो का आभार व्यक्त किया ।


कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर गोपाल खुसरो जी,अध्यक्ष बूढ़ादेव समिति मोहनपुर ,नारायण धुर्वे जी उपाध्यक्ष बूढ़ादेव समिति मोहनपुर , उनेश्वर धुर्वे जी कोषाध्यक्ष बूढ़ादेव समिति मोहनपुर ,रामकुमार मेरावी जी सचिव बूढ़ादेव समिति मोहनपुर ,धुरवा राम नेताम, बिसाहू राम धुर्वे ,बुधरु राम नेताम  भागवत सिंह धुर्वे, कवल सिंह नेताम,देवेंद्र सिंह नेताम, चैन सिंह बैगा,जगमोहन सिंह बैगा,सोनसिह बैगा,बुद्धू बैगा,बिसरू बैगा  ,कवर्धा से आए  प्रमोद नेताम(गोलू गोंडवाना) ,कोमल मरकाम सर , रामेश्वर पन्द्राम सर , ओमकार सिन्द्राम,पवन नेताम ( केसदा) उपस्थित रहे।


कार्यक्रम आयोजक टीम-संतोष धुर्वे अध्यक्ष आदिवासी युवा संगठन मोहनपुर, दीपक मंडावी जी उपाध्यक्ष 

आदिवासी युवा संगठन मोहनपुर, सुरेश कुमार धुर्वे उपाध्यक्ष आदिवासी युवा संगठन मोहनपुर ,  सुखदेव मेरावी सचिव आदिवासी युवा संगठन मोहनपुर,दुर्गेश सिंह मरकाम सह सचिव आदिवासी युवा संगठन मोहनपुर,बहादुर सिंह धुर्वे संस्थापक एवं ग्रामवासी उपस्थित रहें। 

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