शहर स्थित थाना कोतवाली कवर्धा में बैठे पुलिसकर्मियों को जनता के दुख-दर्द से कोई लेना देना नहीं,भेंड़ चोरी की आवदेन लेके थाने में भटकते रहे गुजराती चरवाहे ।


कबीरधाम
! पुलिस अफसर लाख दावे करें कि खाकी वर्दी आपकी दोस्त है लेकिन हकीकत में उसका रवैया अनजानों से भी बदतर है। शहर स्थित थाना कोतवाली कवर्धा में बैठे पुलिसकर्मियों को जनता के दुख-दर्द से कोई लेना देना नहीं। पुलिसिया रौब झाड़ना और वर्दी की धौंस दिखाना ही उनकी शैली है। जनता के प्रति असंवेदनशील पुलिस एफआईआर तो छोड़िए थानों में आवेदन लेकर पावती भी नहीं देते है।आपका मामला कितना भी गंभीर हो इस बात की गारंटी नहीं कि सुनवाई हो ही जाएगी।यही कारण है कि आम आदमी में पुलिस का खौफ है जबकि गुंडे-बदमाश बेखौफ हैं। 


गुजरात राज्य से जीवन यापन करने आए ऊंट भेंड़ वाले अपनी समस्या को लेकर बीते बुधवार को सिटी कोतवाली कवर्धा आए थे लेकीन उनकी समस्या सुनने के बजाए थाने में बैठे पुलीसकर्मी चोरी का रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उल्टा उन्हें ही चोर को पकड़ने का नसीहत देते रहें ।

प्राथी रतन रबारी का कहना है कि बीते मंगलवार को सरोधा मार्ग स्थित ग्राम खैरबानाकला के समीप खेतों में डेरा लगाए हुए थे उसी रात डेरे से 21 भेंड़ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा डेरे से चोरी कर लिया गया था जिसके शिकायत को लेके प्राथी नगर स्थित थाना कोतवाली पहोंचा था।


प्राथी रतन रबारी के द्वारा एक वर्ष पूर्व भी भेंड़ चोरी का शिकायत किया गया था उस पर भी पुलिस के द्वारा किसी भी प्रकार से कोई कार्यवाही नहीं किया गया । पुलिस की इस रवैया से अब लोगो में पुलिस से मानो विश्वास उठ सा गया है। अब देखना यह होगा की थाने में बैठे ऐसे नादारत व लापरवाह पुलिसकर्मियों के ऊपर वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं व प्राथी रतन रबारी को उसकी चोरी हुई भेंड़ वापस दिलाने में मदद करते हैं या नहीं।


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