कबीरधाम। अपनी पवित्रता के लिए जाने जानी वाली जीवनदायनी संकरी नदी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है जिस नदी में 15 वर्ष पहले 12 महीनो पानी की अविरल धारा बहती थी जिसमें अब नगर पालिका परिषद कवर्धा व नदी से जुडे़ हुवे गांवों के दूषित पानी बह रही है नदी नाले में तब्दील होकर अब मात्र निकासी का जरिया बन चूका है जिसके वजह से पवित्र नदी का अस्तित्व संकट में हैं । जिसका फायदा सत्ता पक्षीय सरकार उठाते आ रही है वो क्यूं न भाजपा हो या फिर कांग्रेस।
ज्ञात हो कि भाजपा के शासन काल में 2 मई 2018 को पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने सकरी नदी पर श्रमदान कर सृजन कार्यक्रम की शुरूवात की थी. पूर्व सांसद के द्वारा सकरी नदी निकासी कार्य के लिए 2 करोड़ 88 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी 2 करोड़ 88 लाख का उपयोग नदी में हुवा या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा यह एक प्रश्न वाचक चिन्ह की तरह है इसी तरह जब कांग्रेस सत्ता में आई तो जीवनदायनी संकरी नदी के जीर्णोद्धार और जलसंरक्षण व संवर्धन के लिए नरवा योजना बनाई गई । जरूरत के आधार पर डीएमएफ की राशि का भी उपयोग जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए किया गया बावजूद नदी की हालत आप देख ही सकते हैं।
जीर्णोद्धार के लिए तरह तरह की बनाई गई थी योजना
सकरी नदी में समनापुर पुल से सकरहा घाट तक नदी रिवर फ्रंट, नदी किनारे दोनों ओर सौंदर्यीकरण,नदी किनारे गाद, मिट्टी की सफाई नदी का गहरीकरण ताकि इसमें सालभर कम से कम 5 फीट तक पानी भरा रहे प्रशासन के द्वारा ऐसे तमाम वायदा किया गया था जिसे नदी का हाल झुठलाती नज़र आ रही है।
बीते 6 मई 2023 को भाजपाइयों द्वारा नदी में हुवे भ्रष्टाचार को लेकर नदी में नाव चला कर प्रदर्शन भी किए गया था अब देखना यह होगा कि क्या पूर्व कांग्रेस सरकार में नदी के नाम पर हुवे सम्बंधित विभाग के भ्रष्टाचार को वर्तमान भाजपा सरकार उजागर करेगी या नहीं।