बारदानों का संकट:22 लाख से ज्यादा किसानों से 1.05 करोड़ टन धान खरीदेंगे, बारदाने नहीं मिले इसलिए डेट तय नहीं


बारदाने का संकट इस बार भी इसलिए 1 दिसंबर से पहले खरीदी शुरू होने पर संशय, जूट कमिश्नर से मांगे ढाई लाख गठान पर मिले सिर्फ 60 हजार गठान बारदाने।


छत्तीसगढ़ में इस साल किसानों से एक करोड़ पांच लाख टन धान खरीदा जाएगा। इस पर करीब 27 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस साल खरीदी के लिए पांच लाख गठान बारदानों की जरूरत है लेकिन बारदाने नहीं मिलने धान खरीदी की तारीख तय नहीं की जा सकी है। बारदानों के संकट को देखते हुए इस साल भी एक दिसंबर से पहले धान खरीदी शुरू नहीं हो पाएगा।

सोमवार को हुई मंत्रिमंडलीय उपसमिति की बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की। बताया गया है कि इस साल पिछले साल की तुलना में ज्यादा धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। माना जा रहा है कि इस साल एक लाख ज्यादा किसान अपना धान बेचेंगे।

दरअसल राज्य सरकार की ओर से जूट कमिश्नर को दो लाख 64 हजार गठान बारदानों की डिमांड भेजी गई है। लेकिन इसके एवज में सिर्फ 30 से 35 फीसदी ही सप्लाई की जा सकी है। इसलिए प्लास्टिक बारदानों के लिए भी ऑर्डर भेज दिया गया है।

इसी तरह एक लाख गठान बारदानों की व्यवस्था राइस मिलर्स औैर पीडीएस से करने की तैयारी चल रही है साथ ही किसानों द्वारा लाए गए बारदानों का भी उपयोग किया जाएगा। अब बारदानों की उपलब्धता के बाद ही राज्य सरकार धान खरीदी शुरु करने का फैसला करेगी। वहीं पिछले साल कुल 2305 खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी की गई थी जिसमें 257 नए केन्द्र भी शामिल थे। लेकिन कुछ स्थानों पर विवाद की स्थिति की देखते हुए इस साल से कुछ नए धान खरीदी केन्द्र भी खोले जाएंगे।

एक लाख किसान औैर बढ़ेंगे,31 तक पंजीयन


राजीव किसान न्याय योजना के प्रभाव के कारण इस साल धान बेचने वाले एक लाख किसान औैर बढ़ेंगे। पिछले साल लगभग 21 लाख 54 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। इस बार किसानों की संख्या 22 लाख 50 हजार तक जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। धान बेचने के लिए 31 अक्टूबर तक किसान अपना पंजीयन करवा सकते हैं।

1940 औैर 1960 रुपए प्रतिक्विंटल में खरीदेंगे


केन्द्र सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार किसानों से धान खरीदेगी। सामान्य धान की कीमत 1940 रुपए प्रति क्विंटल तो ए ग्रेड धान की कीमत 1960 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। जबकि राज्य सरकार किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 9 हजार रुपए प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी देगी।

61 लाख टन अरवा चावल लेगा केन्द्र


केन्द्र सरकार राज्य से इस साल 61 लाख 50 हजार टन अरवा चावल का उठाव करेगा। लेकिन उसना चावल उठाव को लेकर कोई सहमति नहीं दी है। इसलिए राज्य सरकार ने केन्द्र को उसना के उठाव को लेकर भी पहल करने का आग्रह किया है।

सीमा पर चेकपोस्ट भी


धान खरीदी शुरू होते ही दूसरे राज्यों से अवैध धान की आवक शुरु हो जाती है। इसलिए छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर चेकपोस्ट बनाए जाएंगे ताकि धान का अवैध परिवहन रोका जा सके। इसमें जिला, पुलिस प्रशासन के साथ विभाग के अफसरों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। साथ ही दूसरे राज्यों की सीमाओं से लगे जिलों के खरीदी केन्द्रों में निगरानी होगी।

बारदानों की उपलब्धता के आधार पर तिथि करेंगे: चौबे


जूट कमिश्नर से जितने बारदानों की डिमांड की गई थी उतने नहीं भेजे गए। जितनी जल्दी बारदानों की उपलब्धता होगी उतनी जल्दी ही धान खरीदी शुरु की जाएगी।
-रविन्द्र चौबे, कृषि मंत्री

दिवाली के बाद तय करेंगे : भगत


किसानों का पंजीयन 31 अक्टूबर तक किया जाएगा। दिवाली के बाद होने वाली उपसमिति की बैठक में धान खरीदी की तारीख तय की जाएगी।
-अमरजीत भगत, खाद्यमंत्री

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