नक्सलियों ने 2 लोगों को मार डाला:घर से खींचकर ले गए, पेड़ से बांधकर पीटा, मार दी गोली; CM ने परिजन को नौकरी देने की घोषणा की


मध्यप्रदेश के बालाघाट में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या कर दी। शुरुआती जानकारी में यह बात सामने आई है कि हत्या मुखबिरी के शक में की गई है। दरअसल, 7 नवंबर को लांजी के जंगल से पुलिस ने विस्फोटक जब्त किया था, नक्सलियों को शक था कि विस्फोटक के बारे में ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी है। घटना मालखेड़ी गांव की है।


ग्रामीणों के शव शनिवार सुबह गांव के बाहर मिले। नक्सलियों ने डेढ़ साल में तीसरी बार जिले में ग्रामीणों की हत्या की है।


बैहर तहसील के मालखेड़ी गांव में संतोष (48) और जगदीश यादव (45) की शुक्रवार देर रात हत्या की गई। परिजन के मुताबिक जगदीश और संतोष गांव में धान कूट रहे थे, तभी चार नक्सली आए। इनमें दो महिलाएं थीं। चारों बंदूक लिए हुए थे। उन्होंने दोनों ग्रामीणों से नाम पूछा और घर से खींचकर गांव के बाहर लाए और पेड़ से बांध दिया। पहले उनकी बुरी तरह पिटाई की। इसके बाद गोली मारकर दोनों की हत्या कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों मृतकों के घर आमने-सामने हैं। रात में गोली चलने की आवाज भी सुनी थी। सुबह दोनों के शव पड़े मिले। करीब में एक नीले कलर की रस्सी और कुछ परचे भी पड़े थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की निंदा की। उन्होंने मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपए की राशि और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की। इनके शव सुबह ग्रामीणों ने देखे। मौके पर पहुंची पुलिस व हॉक फोर्स के जवान इलाके की सर्चिंग में जुटे हैं। ग्रामीणों के अनुसार, नक्सलियों ने बदले की नीयत से दोनों ग्रामीणों की हत्या की है।

हत्या की एक वजह ये भी

पुलिस के मुताबिक हत्या की दो वजह हो सकती हैं। पहला तो ये कि पिछले साल 6 नवंबर को मालखेड़ी गांव में पुलिस ने 8 लाख की इनामी महिला नक्सली शारदा उर्फ पुज्जे (25) को मुठभेड़ में मार गिराया था। ग्रामीणों का कहना है कि हो सकता है कि नक्सलियों ने अपनी साथी की मौत के प्रतिशोध में दोनों को मौत के घाट उतारा है।

इसके अलावा दूसरा कारण ये हो सकता है कि 7 नवम्बर को पुलिस ने लांजी के जंगलों में दबिश दी थी। दबिश के दौरान पुलिस ने काफी मात्रा में विस्फोटक समेत अन्य सामान जब्त किया था। पुलिस ने 18 नक्सलियों को नामजद किया था। ग्रामीणों का कहना है कि दबिश की मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने इनकी हत्या की है।

पुलिस कर रही सर्चिंग

SDOP बैहर आदित्य प्रताप मिश्रा ने बताया कि प्रथम दृष्टया दोनों ग्रामीणों की हत्या नक्सलियों द्वारा की जाने की सूचना है। हत्या करने वाले नक्सली किस दल के हैं ? कितने लोगों ने ये हत्या की है ? इन सब तथ्यों की अभी तक पुष्टि नहीं हो सकी है। पुलिस मामले की जांच के साथ इलाके में सर्चिंग भी कर रही है।


पर्चे फेंके, लिखा- लोगों को पुलिस नेटवर्क में मत लगाएं


5 महीने में दूसरी घटना

इससे पहले 27 जून 2021 को उकवा के बम्हनी गांव निवासी भागचंद अड़मे (42) को नक्सलियों ने घर से बाहर निकालकर गोली मारी थी। घटना के बाद नक्सलियों ने अड़मे के शव के पास पुलिस मुखबिर खबरदार हो जाओ... लिखा धमकी भरा पर्चा भी फेंका था। इस हत्या को मलाजखंड के 10-12 नक्सलियों ने अंजाम दिया था। दो दिन बाद खबर आई थी कि मृतक भागचंद भाजपा का पूर्व मंडल उपाध्यक्ष था। इससे पहले 9 जून 2020 को लांजी के पूजारीटोला निवासी सोनू टेकाम की भी पुलिस मुखबिरी के शक में हत्या की गई थी।

सीएम ने बुलाई आपात बैठक

बालाघाट के बैहर में हुए नक्सली हमले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोपहर को मंत्रालय में वरिष्ठ अफसरों की आपात बैठक बुलाई। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग राजेश राजौरा, एडीजी इंटेलीजेंस सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बालाघाट जिले के बैहर थाने के मालाखेड़ी गांव में नक्सलियों ने फिर कायराना हरकत की है। दो निर्दोष ग्रामीणों की निर्ममता पूर्वक हत्या से नक्सलियों का असली चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है।

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