कबीरधाम!पुलिस विभाग ने शहर में नशे की हालत में वाहन चलाने वालों की धरपकड़ तो शुरू कर दी गई है, लेकिन ऐसे होटल-ढाबों की ओर पुलिस पीठ फेरे है, जहां खुलेआम शराब परोसी जा रही है। दिन हो या शाम शहर के कई इलाकों में होटल-ढाबे मयखाने बन जाते हैं। गैरकानूनी तरीके से ओपन बार बन चुके इन होटल-ढाबों में शराब की महफ़िल जम जाती है। जिस तरह से पुलिस और आबकारी विभाग चुप बैठे है इससे ये स्पष्ट होता है कि इनकी साठ गांठ से सब कुछ चल रहा है।
सबसे अधिक बूरे हाल तो शहर के बीचों बीच नवीन बाज़ार स्थित मुर्गा मछली मार्केट से लगे होंटलों का है इसके अलावा शराब दुकानों से लगे होटलो व मेन रोड पर स्थित ढाबो के भी वही हाल है । जहा का दृश्य देखकर लगता है कि यहाँ कोई महफ़िल जमी हुई है। देर रात तक इनमें पीने-पिलाने का दौर चलता रहता है इसके अलावा नगर सहित आसपास के ढाबो के भी वही हालत बने हुए है। कई होटलों ओर ढाबो में जाम टकराए जा रहे हैं। वहीं पुलिस-प्रशासन व आबकारी महकमे के अफसर-कर्मचारी कई बार इन रास्तों से होकर गुजरते हैं। सब कुछ खुलेआम होने के बावजूद कार्रवाई के बजाए ऐसे अवैध होटलो ओर ढाबो की ओर पीठ फेर ली जा रही है। आखिर क्यों ? यह सोचने का विषय है। यह सब देखकर लगता है कि होटल संचालक ओर ढाबों के संचालक कानून को ठेंगा दिखा कर खुलेआम काम कर रहे है।