कबीरधाम! आप ने जिस तरह से जिले में सक्रियता बढ़ाई है। उससे सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और भाजपा के नेताओं की चिंता बढ़ गई है। जिले में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ लहर का ट्रेंड रहा है, इसलिए इसका लाभ आप को मिल सकता है। कांग्रेस नेताओं को चिंता इस बात की है कि दिल्ली और पंजाब में आप की सक्रियता के बाद से ही वोट बैंक बिगड़ा है। आप ने कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध ज्यादा लगाई है। वहीं, ग्रामीण व वनांचल क्षेत्र के मतदाताओं पर आप जिस तरह से ध्यान दे रही है, उससे कांग्रेस व भाजपा के नेताओं की चिंता बढ़ी है। शहरी वोट बैंक पर भाजपा की पकड़ हमेशा से ही रही है। ऐसे में यदि शहरी क्षेत्र में आप की सक्रियता बढ़ती है तो भाजपा के वोट बैंक को नुकसान हो सकता है। ऐसे में आप के कारण दोनों ही पार्टियों को समीकरण बिगड़ने की चिंता सताने लगी है।
देश के दो राज्यों में सरकार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी (आप) छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। आप पंजाब की तर्ज पर राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ेगी। वहीं सूत्रों की मानें तो कांग्रेस और भाजपा के कुछ नेता आप नेतृत्व के सम्पर्क में बताए जा रहे हैं।
जिले में यह तय है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच होगा, लेकिन आम आदमी पार्टी इन दोनों प्रमुख दलों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। राज्य में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और लगभग सभी जगहों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने वाला है। लेकिन कई सीटें ऐसी हैं जहां इन दोनों बड़ी पार्टियों से बगावत करने वाले आम आदमी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की क्षमता रखता हैं। चुनाव को लेकर जिले में भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है। इस चुनाव में गुजरात मॉडल, राजस्थान मॉडल व दिल्ली मॉडल की चर्चा शुरू हुई जो अब आरोप प्रत्यारोप तक पहुंच गई है।