कबीरधाम । मुख्यालय से महज़ 3 किलोमिटर दूर स्थित ग्राम पंचायत लालपुर नदी किनारे व आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में मुरूम का अवैध खनन जारी है। तारो खैरबना और जेवड़न गांव के करीब खनन माफिया प्रशासनिक संरक्षण में अवैध मुरूम खनन कर रहे हैं! बताया जा रहा है कि राजनीतिक दल से जुड़े रसूखदार ही यह खनन कर रहे हैं।
अवैध मुरूम उत्खनन से पर्यावरण को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। जिले में अवैध खदानों के भरोसे ही मुरूम की आपूर्ति हो रही है। लेकिन खनिज विभाग सरकारी ठेकेदारों से रायल्टी की वसूली कर, लगातार गंभीर होती जा रही इस समस्या से मुंह मोड़ रहा है। जिले में सड़क और भवन का निर्माण मुरूम के बिना पूरा नहीं होता। सरकारी और निजी निर्माण कार्य में बड़े पैमाने में मुरूम का उपयोग रोजाना किया जा रहा है।
मुरूम की आपूर्तिकर्ताओं द्वारा आंख मुंद कर ऊंचे टीले की खुदाई की जा रही है। वन भूमि के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के आवासीय इलाकों के पास मुरूम की अवैध खुदाई हो रही है। यह चोरी छुपे नहीं बकायदा जेसीबी लगाकर खुदाई की जा रही है। अवैध उत्खनन की ओर से अधिकारियों ने पूरी तरह आंख मूंदे रखा हैं। सड़क निर्माण के लिए ठेकेदारों द्वारा भी जेसीबी की मदद से बड़े पैमाने में मुरूम का उत्खनन किया जाता है। उत्खनन के दौरान संबंधित ठेकेदार अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी गड्ढे खोद रहे हैं। खनिज विभाग की लापरवाही की वजह से मुरुम माफिया के हौसले बुलंद हैं।
पत्रकारों का फोन उठाना मुनासिब नहीं समझते खनिज स्पेक्टर
दरशल मामले की जानकारी देने के लिए जब पत्रकारों द्वारा जिला खनिज स्पेक्टर साहू को फ़ोन किया जाता है तो वह पत्रकारों का फोन भी उठाना मुनासिब नहीं समझते हैं। इससे यह प्रतीत होता है की अवैध मुरूम के इन ठेकेदारों को खनिज स्पेक्टर का सह प्राप्त है जिसके चलते यह बीना किसी भय के अवैध खनन के इस कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।