कवर्धा! वैसे तो राज्य व केंद्र सरकार के द्वारा 10 वीं व 12 वीं के छात्रों के हौसलों में अफजाई के लिए तरह तरह का ज्ञान विद्यार्थीयों को दिया जाता है लेकीन कवर्धा में इसका उल्टा है नेता अधिकारी कर्मचारी अपने बीवी बच्चों के साथ सरस मेले में संगीत का लुप्त उठाने के चक्कर में छत्तीसगढ़ कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-04 तथा ध्वनि प्रदूषण नियम, 2000 की धज्जियां उड़ाते हुवे 10 वीं 12 वीं के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं बतादे की कवर्धा नगर स्थित पीजी कॉलेज ग्राउंड में विगत 6 फरवरी से क्षेत्रीय सरस मेला आयोजित हैं । आयोजित स्थल से लगे दो सौ मीटर के अंतराल में लगभग 3 से 4 छात्रावास संचालित है जिसमें रहने वाले बच्चों की परीक्षा का समय है। खासकर 10वीं और 12वीं बोर्ड के विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी में जुटे हुए हैं, मगर शोरगुल है कि थमने का नाम नहीं ले रहा।
नियम को दर किनारे कर रात साढ़े 11 बजे तक लाउड स्पीकर बजाया जा रहा
ज्ञात हो कि राज्य में 01 मार्च से 10 वीं 12 वीं बोर्ड परीक्षा की शुरवात हो चुका है फिर भी आयोजनकर्त के द्वारा रात साढ़े 11 बजे तक कार्यक्रम में तेज आवाज़ से लाउड स्पीकर बजाया जा रहा है ।आयोजन में बजने वाले डीजे व लाऊड स्पीकर की आवाज इतनी अधिक है की 3 किलोमीटर दूर तक इसे सुना जा सकता हैं । ज्ञात रहे परीक्षा के दौरान किसी तरह के शोर-गुल करने पर प्रशासन के द्वारा तरह तरह का नियम बनाया जाता है । व स्वयं के द्वारा तोड़ा भी जाता है कार्यक्रम स्थल में यह सब आपको देखने को मिल ही जाएगा।आयोजित कार्यक्रम स्थल में उपस्थित जिले के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत,पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक जैसे प्रतिष्ठित अधिकारी कर्मचारी विराजमान होते हैं व बेकुफी जानते है कि इसका सीधा असर विद्यार्थियों के भविष्य पर पड़ेगा फिर भी नियम को ताक में रखकर अधिकारी कर्मचारी संगीत के आनंद उठाने के चक्कर में नियमों को अनदेखा कर रहे हैं।
यह सब जवाबदारों की आंखों के सामने हो रहा है लेकिन अभी तक इन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई आगे नहीं आया ।