निष्क्रिय विधायक भावना बोहरा के निष्क्रियता के चलते किसान खाद्य के लिए दर दर भटकने को मजबूर, चंद महीनों में ही किसानों के नज़रों मे खटकने लगी भावना ।


कबीरधाम 
:-  राज्य के विधानसभा क्रमांक 71 पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक भावना बोहरा कुछ दिनों से अपने निष्क्रियता को लेकर काफ़ी चर्चित है । भावना बोहरा के कार्यकाल में न तो किसान खुश है और न ही जवान जो भावना चुनाव के पूर्व एम्बुलेंस दीदी के नाम से प्रसिद्धी हासिल कि थी चुनाव के चंद महीनों बाद अपने क्षेत्रवासियों के नज़रों मे मानो बस्सा सी गई है,विधानसभा चुनाव के दौरान जो भावना बोहरा अपने क्षेत्रवासियों के किसानों को लुभावना वादें कर जीत का परचम लहराई थी वो अब झूठा साबित होता दिख रहा है ।

दर दर भटकने वाले किसानों को दर किनारे रख राजधानी के साथ साथ देश के राजधानी में ज्यादा ध्यान दे रही है भावना 

भावना बोहरा का चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में नज़र आना बंद सा हो चुका है, भटकते किसानों में कहा सुनी है कि लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में मंत्री परिषद का बदलाव हो सकता है जिसके कारण विधायक अब मंत्री पद के लालसा के चलते क्षेत्र में कम और राज्य के राजधानी के साथ साथ देश के राजधानी में ज्यादा ध्यान दे रही है, भावना अपना पुरा समय वही व्यतीत कर रही है जिसके चलते खाद्य के लिए भटकते किसानों व क्षेत्रवासियों में भावना के प्रति कभी रोष व्याप्त हैं ।

हाल ही में पंडरिया विधानसभा के किसानो को खाद बीज एवं केसीसी की राशि नहीं मिलने पर, नीलू चंद्रवंशी ने भावना के गृह ग्राम सहित पूरे पंडरिया विधानसभा के किसानो का आवाज बुलंदी से उठाया, जिसके लिए पंडरिया विधायक ने नीलू चंद्रवंशी को जो कि सर्व प्रथम किसान का बेटा है बाद में नेता जिनके लिए मानसिक संतुलन खो बैठा है नीलू चंद्रवंशी जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है विधायक भावना बोहरा के ऐसे शब्द के उपयोग करने से किसानों में भावना के प्रति भारी आक्रोश दिखाई दे रही है, वही किसानों का कहना हैं कि क्या एक किसान का बेटा, किसानो के हक के लिए आवाज उठाया, तो वो मानसिक संतुला खो बैठा है इस प्रकार का शब्द भावना के लिए अशोभनीय है पंडरिया विधायक ने किसानो को किसान के बेटे को मानसिक संतुलन यानि पागल करार दे दिया है विधायक जैसे प्रतिष्ठित पद में होने के बावजूद किसानों के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग में लाना किसानों के लिए अहित साबित हो रही है ।

पहले भी आदिवासियों के लिए दे चुकी है विवादित बयान 

ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले सेमरहा मे भावना बोहरा के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमे भोजन की लचर व्यवस्था पर आदिवासियों ने भावना के खिलाफ़ आवाज़ उठाया तो आदिवासियों को विकृत मानसिकता के लोग बोल दी थी इस तरह एक प्रकार से विधायक मे एक अहंकार कि झलक दिखाई देती है जोकि गलत है जल्द ही विधायक भावना बोहरा के खिलाफ़ किसान उग्र आंदोलन करेगी जो विधायक किसान का नही हो सकती वो एक आम नागरिक का कैसे हो सकती है।

वही क्षेत्रीय किसानों का कहना है कि पंडरिया विधानसभा के किसान आप जैसा नहीं है कि भावना सेवा संस्थान जैसा एनजीओ बना कर शासन से करोड़ों राशि लेकर कई करोड़ो की भ्रष्टाचार क़र मोटी रकम कमाई क़र लेते है किसान तो अपने खून और पसीना को मिट्टी मे सींच फ़सल उगता है और अनाज पैदा करता है तब जाकर मुश्किल से किसानो को अपने बच्चों के लिए दो वक़्त की रोटी के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य का बेवस्था  करना होता है ।

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