कबीरधाम! जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 08 से समाजसेवी कामू बैगा की प्रबल दावेदारी क्षेत्रवासियों व आदिवासी समाज में हर्ष का माहौल ।


✍️रौशन बघेल 

कबीरधाम ! बता दें कि वर्तमान सत्र में तृतीय पंचायत आम निर्वाचन का आगाज हो चुका है जिस पर समाजसेवी कामू बैगा भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं ,जिला पंचायत कबीरधाम क्षेत्र क्रमांक 08 से समाज सेवी कामू बैगा की तयारी जोरो पर है ,जिले के क्षेत्र क्रमांक 08 की बात करें तो इसमें 37 ग्राम पंचायत जिसमें 115 गांव आते हैं आते हैं ,क्षेत्र पूरी तरह से आदिवासी बहुल है जिसका सीधा फ़ायदा समाज सेवी कामू बैगा को मिलेगा।

आखिर कौन है समाज सेवी कामू बैगा ।

वैसे तो कामू बैगा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं वह अपने काम से जानें जाते हैं । आदिवासी समाज के समस्याओं व उनके हक को लेकर वह हमेशा ही शासन प्रशासन से लड़ाई लड़ते आ रहे है ।

कामू बैगा एक गरीब बैगा आदिवासी परिवार से आते इनका जन्म जन्म व निवास स्थान ग्राम केशदा है जो जिले के विकासखंड बोड़ला क्षेत्रांतरगर्त आता हैं, वन ग्राम केशदा चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ है ,कामू बैगा बचपन से 60 प्रतिशत पैर से विकलांग थे,उन्हें चलने में काफ़ी दिक्कत हुआ करता था,और वह घर और गांव से कहीं बाहर नहीं जाते थे,इसलिए वह पढाई में रुचि रखते थे और महापुरुषों के जीवनी पढ़ते रहते थे जहां से उसे प्रेरणा मिला , उम्र के साथ साथ उनके चलने में विकास हुआ और आगे की पढ़ाई करते रहे। उन्होंने बताया कि उनका अचानक ठीक होना कुदरत की करिश्मा है और वहीं से उन्होंने ठाना की वह नौकरी नहीं बल्कि समाज के लिए कार्य करेंगे,कामू बैगा की पढाई  की योग्यता की बात करें तो कामू बैगा स्नातक कर चुके हैं, वह चाहते तो नौकरी उनके लिए पाना कोई बड़ी बात नहीं थी परंतु उन्होंने समाज को आगे बढ़ाने के लिए अपनी नौकरी के सपनो का त्याग किया ।


समाजसेवी कामू बैगा का बचपन से ही डॉक्टर भीमराव अंबेडकर व बिरसा मुंडा के द्वारा दिए संदेश से काफ़ी प्रेरित थे कामू बैगा भी अपने समाज के लिए कुछ बेहतर करने की सोच लेके राजनैतिक जीवन में कदम रखे ,कामू बैगा विद्यार्थी जीवन से ही आदिवासियों के हक के लिए प्रशासन के सामने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिए जिसके चलते समाज को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं में काफ़ी सुधार आना शुरू हुआ ,


समाजसेवी कामू बैगा शिक्षा के क्षेत्र में समाज को बेहतर शिक्षा का लाभ दिलाने के लिए आदिवासी बहुल इलाकों में स्थापित पाठशालाओं व बालक बालिका छात्रावासों का सघन दौरा कर स्थिति से वाकिफ होकर बदहाल हो चुके शिक्षा के स्तर को उच्च स्तर में ला खड़ा कर दिया ।


समाज सेवी कामू का कहना है कि बैगा आदिवासी समाज के लिए जो मूलभूत सुविधाएं लागू है वो सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह जाति है जिसके कारण समाज पीछे है समाज को एक नई दिशा देने के लिए राजनीति में पकड़ जरूरी है ।

समाज में मैं ही नही बल्कि समाज का कोई भी व्यक्ति जो समाज के लिए कुछ बेहतर करने की चाह रखता है उसे राजनीति में एक जगह स्थापित करनी चाहिए ताकि समाज को एक नई दिशा व उपलब्धि हासिल हो सके समाज का सपना साकार हो सके।

समाजसेवी कामू बैगा का कहना है कि चुनाव में हार जीत तो लगा रहता है ,इसका फ़ैसला तो देव तुल्य जनता ही करेगी,चुनाव में जीत हासिल वही करेगा करेगा जो क्षेत्रवासियों को एक बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य न्याय और विकास निशुल्क प्रदाय करेगा । अब देव तुल्य जनता को तय करना है कि उन्हें उनके समस्याओं के लिए शासन प्रशासन से लड़कर न्याय दिलाने वाला नेता चाहिए कि चुनाव जीतकर मलाई खाने वाला अभिनेता चाहिए।


इतिहास उठा कर देखें तो समाजसेवी कामू बैगा समाज को बेहतर स्थिति लाने के लिए इन्ही मुद्दों पर अपनी आवाज उठा कर समाज में अपनी एक अलग जगह स्थापित किए जिसका सीधा फ़ायदा समाजसेवी कामू बैगा को मिलेगा।

समाज को एक नई दिशा देने के लिए समाज सेवी कामू बैगा का छत्तीसगढ़ राज्यपाल रह चुकी सुश्री अनुसुइया उइके ने की थी तारीफ़ ।


कवर्धा पी.जी कॉलेज ऑडिटोरियम कवर्धा में 2022 में आयोजित आदिवासी समाज महासम्मेलन में समाज को एक नई दिशा देने वाले समाजसेवी कामू बैगा की तारीफें छत्तीसगढ़ राज्य की पूर्व राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके जी के द्वारा किया गया था नीचे वीडियो में देख सकते हैं👇👇👇

https://youtu.be/48CsKf-xsqU?si=--tt2QNeHurTlDC9


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.