संवाददाता - कमल सिंह
कबीरधाम ! मामला है जिले के विकासखंड बोड़ला के अंतिम छोर में बसे ग्राम पंचायत चेन्द्रादादर के आश्रित ग्राम कोयलारी का जहाँ निवासरत राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहें जाने वाले बैगा आदिवासी समुदाय के लोग आजादी के 78 वर्ष बाद भी झिरिया के दूषित पानी पीने को मजबूर है , गाँव में निवासरत बैगा समुदाय का कहना है की प्रशासन के द्वारा नल तो दूर एक कुँए तक का व्यवस्था नहीं किया गया है,पानी की समस्या को लेकर ग्रामवासी जिला मुख्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक हार चुके है ,बावजूद प्रशासन के कानो में जू तक नही रेंगा |
बैगा आदिवासी समुदाय के विकास के लिए बाकयदा आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग का गठन किया गया है जिसमे बैगा आदिवासी समुदाय के विकास के लिए शासन प्रशासन के द्वारा अरबो रूपये खर्च किया जाता है, बावजूद बैगा आदिवासीयों के हालत बद से भी बदतर है ,इससे प्रतीत होता है की विभाग के द्वारा बैगा आदिवासियों के विकास के लिए शासन से प्राप्त राशी का दुरूपयोग किया जा रहा है |
प्यास की कहानी सुने राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के जुबानी 👇