प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले जल जीवन मिशन का लक्ष्य ग्रामीण भारत के सभी घरों में 2024 तक व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना था जिस सपने को साकार होने से पहले सहायक अभियंता बोड़ला गोपाल ठाकुर के द्वारा पानी फेरा जा रहा है न केवल गोपाल ठाकुर बल्कि पूरा विभाग कछुआ गति से चल कर अपने कार्यों का बखान कर रहे हैं।
कबीरधाम! बता दें कि जिले ऊर्जावान कलेक्टर गोपाल वर्मा के रहते हुए जिले के विकासखंड बोड़ला क्षेत्र के सहायक अभियंता गोपाल ठाकुर जैसे सुस्त अधिकारी के कारण आज राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा आदिवासी पानी के लिए त्राहि त्राहि हो चुके हैं, एक कतरा पानी की कीमत आज कोई बता सकता है तो वो है राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र ,शासन के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद बैगा समुदाय मिलो दूर पैदल यात्रा कर झिरिया के दूषित पानी पीने को मजबूर हैं गर बात दलदली जैसे वनांचल क्षेत्र की किया जाए तो एक भी ग्राम पंचायत ऐसा नहीं है जो जल जीवन मिशन जैसे महत्त्वपूर्ण पूर्ण योजना से लाभान्वित होकर अपनी प्यास बुझाए हों, किसी गांव में पानी टंकी अधूरा तो किसी गांव में पाइप लाइन का विस्तार अधूरा यह स्थिति देखने को मिल रहा है, वनांचल क्षेत्र में यह स्थिति गर उत्पन्न हुवा है तो इसका श्रेय गर किसी को जाता है तो वो है सहायक अभियंता गोपाल ठाकुर क्योंकि इन्ही के सुस्तीकरण के कारण ठेकेदारों की मनमानी आसमान पर पहुंच गया है,आज राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र सहित आम आदमी भी पानी के एक एक बूंद के लिए त्राहिमाम है गर ठाकुर साहब के कार्यों में सक्रियता देखी जाती तो शायद बात कुछ और होता वर्तमान समय को देखा जाए तो ठाकुर साहब में न तो सक्रियता देखी जा सकती है और न ही इंसानियत ।
पत्रकारों का फ़ोन उठाना भी नहीं समझते मुनासिब ।
गर मामले की जानकारी लेने के लिए जिले के पत्रकारों के द्वारा संपर्क किया जाता है तो महोदय पत्रकारों का फ़ोन उठाना मुनासिब नहीं समझते आम जनता की तो बात ही छोड़ दो ।
अब देखना यह होगा कि विभाग में बैठे उच्च अधिकारी प्रधानमंत्री के सपनो में ग्रहण लगाने वाले सहायक अभियंता गोपाल ठाकुर के विरुद्ध कोई कार्यवाही कर व्यवस्था में सुधार ला पाते हैं कि नहीं।