कवर्धा :- बता दें कि जिला अस्पताल कवर्धा में घटित बहुचर्चित मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले में नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय की शिकायत पर पुलिस थाना कवर्धा में एफ आई आर 0255/2022 पंजीबद्ध है। उक्त एफ आई आर में तत्कालीन प्रभारी सीएमएचओ डॉ बी एल राज ने डॉ प्रभांत चन्द्र प्रभाकर और दीपक सिंह ठाकुर की अन्यत्र ट्रांसफर की उचित कार्यवाही करने की जानकारी दिया था । प्राप्त जानकारी के अनुसार आरक्षकों के सर्टिफिकेट में फर्जी लिखावट और हस्ताक्षर की जांच के लिए पुलिस ने मामले के संदेहियों के हैंडराइटिंग और हस्ताक्षर का नमूना फोरेंसिक एक्सस्पर्ट को भेजी है।
मामले में स्वास्थ्य विभाग की प्रारंभिक जांच में बोर्ड के लिपिक दीपक सिह ठाकुर को दोषी ठहराया गया। स्वास्थ्य संचालक ने दीपक सिह ठाकुर को निलंबित करके विभागीय जांच करने और पुलिस थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने आदेश दिया गया था । सीएमएचओ ने दीपक सिंह ठाकुर को निलंबित करके विभागीय जांच संस्थित किया है। सीएमएचओ द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोई कार्यवाही नही किया है।
जाने
क्या है मामला l
जिला
अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से पुलिस विभाग के कलर ब्लाइंड से अनफिट बर्खास्त दो नव
आरक्षकों को, झूठी नेत्र जांच कर कलर विजन नार्मल रिपोर्ट
लिखकर नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय का फर्जी हस्ताक्षर करके फिट मेडिकल
सर्टिफिकेट दिया गया था ।
निलम्बन
से बहाली और विभागीय जांच अब हाईकोर्ट के अधीन |
दीपक
सिह ठाकुर ने अपने निलम्बन और विभागीय
जांच को खारिज करने उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया है। उच्च न्यायालय ने
निलम्बन या बहाली के लिए कोई निर्णय नहीं दिया है।विभागीय जांच में स्थगन आदेश
दिया है। ऐसे में दीपक सिह ठाकुर को अपनी सेवा बहाली के लिए न्यायालय के निर्णय का
इंतजार है।
बहरहाल
फोरेंसिक एक्सस्पर्ट से रिपोर्ट आने के बाद मामले की वास्तविक दोषी का पता चल
जायेगा।