कबीरधाम । दअरसल मामला है जिले के वनांचल क्षेत्र कुकदूर में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बीते दिनांक 28 जुलाई को कुकदूर पुलिस प्रशासन द्वारा राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र विश्राम बैगा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था, परिजनों के कहे अनुसार स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थित डॉक्टर के द्वारा समय अधिक होने का हवाला देकर परिजनों सहित मृत व्यक्ति का शव वापस भेज दिया गया,परिजन शव को रख रात भर भारी बारिश में रोड किनारे पड़े रहे,जिसकी जानकारी सुबह परिजनों ने आदिवासी समाज के प्रदेश संयुक्त सचिव कामू बैगा को दी जानकारी मिलते ही कामू बैगा सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुकदूर प्रभारी से फोन के माध्यम से संपर्क किया तो प्रभारी का कहना था कि मर्चुरी रुम में खिड़की दरवाजा नहीं होने का हवाला दिया गया, जो कि एक प्रशासनिक अधिकारी के लिए लापरवाही एवं मानवता को शर्मसार करना नजर आया।
जिसको लेकर गुरुवार को कामू बैगा के नेतृत्व में सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग छत्तीसगढ़ कबीरधाम के द्वारा कलेक्टर गोपाल वर्मा को आवेदन दिया गया ।
कामू बैगा का कहना है की प्रभारी डॉ दंपति प्रसंगीना साधु व डॉ स्वप्निल साधु विगत 08 वर्षों से एक जगह पर नौकरी कर रहे हैं, वहीं डॉ डेंटल सर्जन साधु द्वारा पत्नी के पद का दुरुपयोग करते हुए, मरीजों से पैसा लेना , डेंटल असिस्टेंट द्वारा एनेस्थीसिया इंजेक्शन लगवाना, शनिवार रविवार को मूल स्थान पर नहीं रहना, प्राकृतिक आपदा से मृत व्यक्ति के परिजनों से वकील भेज पैसा लेना जैसे कई आरोप लगाते हुए सभी मामलों के गवाह व सबूत होना भी बताया गया हैं,
वहीं कामू बैगा का कहना है कि आगामी सात दिवस के भीतर वर्षों से एक ही स्थान पर जमे डॉक्टर दंपति को नहीं हटाने पर उग्र आंदोलन व कलेक्टर कार्यालय घेराव किया जाएगा जिसका जिम्मेवार स्वयं प्रशासन होगा ।
ज्ञापन देने के दौरान, नरेंद्र धुर्वे, आत्मा धुर्वे,गणेश धुर्वे, प्रहलाद धुर्वे, मनीष यादव, हेमलाल मरकाम, सलीम पारधी, हरीश धुर्वे सहित अन्य समाज के युवागण उपस्थित रहे।