विकास खंड पंडरिया क्षेत्रांतर्गत आने वाली ग्राम परेवाछापर के ग्रामीणों में विधायक ममता चंद्राकर के लिए भारी रोष साढ़े चार साल में नहीं कर पाई ग्रामीणों से किया वादा पुरा


कबीरधाम
! आजादी के सात दशक बाद भी जिले के वनांचल और ग्रामीण क्षेत्र के लोग मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। जिले की कुल जनसंख्या करीब 8 लाख के आसपास हैं जिसमें  461 से ज्यादा ग्राम पंचायत हैं, वही 6 नगरीय निकाय क्षेत्र हैं। आजादी के बाद जिले का विकास तो हुआ है लेकिन ग्रामीण अंचल के लोग आज भी मूलभूत समस्याओं से वंचित हैं। जिले के वनांचल और ग्रामीण क्षेत्र में आज भी आवागमन सड़क,बिजली, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, एवं संचार सुविधा सहित अनेकों समस्याएं बनी हुई हैं,खासकर वनांचल क्षेत्र में विकास नहीं हो पाए हैं। आजादी के बाद भी वन ग्रामों के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे हैं। वनांचल क्षेत्र में योजना का कार्यान्वयन सिर्फ कागजों में ही हो रहा है, आजादी की सही मायने तभी होंगे जब प्रत्येक नागरिक को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होगी।



जानकारी के अनुसार जिले में सत्ता पक्ष सरकार के विकास कार्यों के दावों की पोल विकासखंड पंडरिया के कई पिछड़े और वनांचल क्षेत्र की बदहाल स्थिति खोल रही है। दरअसल बात यह है कि मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य को अलग हुवे पूरे 22 वर्ष से ज्यादा हो रहा है उसके बाद भी जिले के विकास खंड पंडरीया क्षेत्रांतर्गर आने वाली ग्राम पंचायत कुल्हीडोंगरी के आश्रित ग्राम जामुनपानी परेवाछापर बैगा टोला अपनी बदहाली के आंसू बहाने को मजबूर है जनता मूलभूत समेत अन्य सुविधाओं से वंचित हैं। मुख्य मार्ग जामुनपानी से लगभग 3 किलोमीटर दूरी स्थित यह परेवाछापर बैगाटोला गांव तक जाने के लिए रास्ता नहीं है। जिसके कारण ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेयजल के लिए भी कच्चे मार्ग से आवागमन करना पड़ता है। बारिश के सीजन में इस जर्जर मार्ग से पैदल चलना और भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों को अपने ग्राम पंचायत कुल्हीडोंगरी  तक आने के लिए करीब 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। और ऊबड़-खाबड़  कच्चा रास्ता यहां के ग्रामीणों की परेशानी का सबब बना हुआ है।



बच्चे और इमरजेंसी सुविधा की परेशानी

मुद्दे की बात तो यह है की ग्रामीणों को अपने बच्चों को शिक्षा दिलवाने के लिए एक आंगनबाड़ी भी नसीब नहीं प्राथमिक शाला तो दूर की बात है आंगनबड़ी से मिलने वाली मूलभुत सुविधा न मिलने के कारण छोटे बच्चे शिक्षा से वंचित तो है हि साथ कुपोषित का भी शिकारहो रहे है । गर बात बड़े विद्यार्थियों की शिक्षा का किया जाए तो बच्चे अध्यन के लिए दुसरे गांव जाते है रास्ता ऊबड़ खाबड़ व मिट्टी युक्त होने के कारण बरसात के मौसम में विद्यार्थियों को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है बारिश के वजह  से जब नदी नाले उफान मारने लगते हैं तो बच्चे 3 से चार दिनों तक पाठशाला नही जा पाते जिससे उनकी पढ़ाई में बहोत ज्यादा प्रभाव पड़ता है । यहां के ग्रामीण वर्षों से जद्दोजहद कर रहे हैं। ग्राम पंचायत का पहुंच मार्ग आज तक नहीं बन पाया है, जिसके कारण आवागमन में परेशानी हो रही है। यहां के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। ग्राम जामुनपानी परेवाछापर बैगा टोला की मुख्य समस्याओं की तरफ न तो शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है और न ही सत्ते में बैठे नेता। यहां के लोग अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं इस ग्राम में सड़क के लिए वर्षों से ग्रामीण मांग कर रहे हैं लेकिन इनकी कोई सुनने वाला नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी महिला को डीलिवरी के समय प्रसव में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है और  खाद्यान्न राशन वितरण में भी समस्या का सामना करना पड़ता है।जिस पर किसी भी क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं है। इसी ग्राम का ख्याल अब चुनावी दौर में आएगा जहां एक बार फिर झूठे वादों की दुहाई दी जाएगी ।


विधायक ममता चंद्राकर के लिए यहां के ग्रामीणों में रोष

ग्रामीणों का आरोप है की वर्तमान पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर चुनाव के वक्त वादा की थी की चुनाव जीतने के बाद आपके गांव को प्रत्येक मूलभूत सुविधाओं से रुबरु कराई जाएगी चुनाव को चार वर्षो से ज्यादा हो गया है चुनाव के बाद न तो यहां विधायक ममता चंद्राकर पहुंची और न ही उसके द्वारा जो झूठा वादा किया गया था वो मूलभूत सुविधा ममता चंद्राकर के लिए यहां के ग्रामीणों में रोष है आगामी चुनाव में ग्रामीण कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं देने की बात कहे है।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.